मंगलवार, 27 जुलाई 2021

नीति के दोहे (मुक्तक )

द्वारा : अशर्फी लाल मिश्र 

चुनाव     आते    फूटता ,  जातिवाद नासूर। 
मतदाता को भ्रमित कर ,करते चाहत पूर।।

© कवि : अशर्फी लाल मिश्र ,अकबरपुर ,कानपुर। 

2 टिप्‍पणियां:

  1. जागरूक मतदाता कैसे भ्रमित हो सकता?

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  2. टिप्पणी के लिए आभार। जागरूक मतदाताओं का प्रतिशत बहुत ही कम है।

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