शुक्रवार, 23 जून 2023

पूर्णिमा तिथि थी अषाढ़ मास की

 -- लेखक एवं रचनाकार : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।©

अशर्फी लाल मिश्र 






पूर्णिमा तिथि थी अषाढ़ मास की,

जब महर्षि व्यास ने  जन्म लिया।

पिता   इनके  थे  ऋषि   पाराशर,

माता  थीं  सत्यवती  निषाद  पुत्री।।

नौका    चालन    के     समय,

ऋषि मोहित हुये सत्यवती पर।

ऋषि ने   अपने   तपोबल   से,

दिन में  कुहासा  प्रकट किया।।

गांधर्ब विवाह कर सत्यवती से,

कृष्ण द्विपायन का जन्म हुआ।

वशिष्ठ  पौत्र   कृष्ण  द्विपायन,

दिव्य   ज्ञान   से     पूरित   थे।।

वेद   अभी    जो  मौखिक थे,

संकलित कर  लिपिबद्ध किये।

महाभारत  के  वे  रचयिता थे,

पुराणों   के    थे    रचनाकार।।

विद्वानों ने  इनको व्यास कहा।

वेदों   के  थे    वे   व्याख्याकर।।

-- लेखक एवं रचनाकार: अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।©


सोमवार, 19 जून 2023

आओ नित ही योग करें

 -- अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।

अशर्फी लाल मिश्र 






आओ नित ही योग करें,

तन मन सदा नीरोग करें।

खुली जगह  में योग करें,

जीवन का सुख भोग करें।।


घर   में   हो   या   बाहर,

हर   कोई    मान     करे।

मन   में  रखिये   उत्कंठा,

दीर्घ   जीवन   जीने   की।।


योग     को     अपनाओ।

बना   लो  जीवन   शैली।।

-- लेखक एवं रचनाकार: अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।©


शुक्रवार, 9 जून 2023

भाई हो तो लक्ष्मण जैसा

 -- लेखक एवं रचनाकार : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।

अशर्फी लाल मिश्र 






भाई हो तो  लक्ष्मण जैसा,

 भ्रात हेतु सुख त्याग दिये।

हुआ था  वनवास राम का,

लक्ष्मण ने सुख त्याग दिये।।


हुआ वन  गमन राम का,

लक्ष्मण चल पड़े साथ में।

रक्षा  प्रण  लेकर  मन  में,

धनुष वाण थे साथ लिये।।


आगे आगे राम चलत हैं,

पीछे  पीछे   शेषावतारी।

मध्य सोहैँ जनक नंदिनी,

हो  पुष्पों  की वर्षा भारी।।

-- लेखक एवं रचनाकार : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।©

विप्र सुदामा - 40

  लेखक एवं रचनाकार : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर। अशर्फी लाल मिश्र (1943-----) नाथ  प्रभु  कृपा जब होये, क्षण में  छप्पर महल होये।  प्...