-- अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।
अशर्फी लाल मिश्र |
आओ नित ही योग करें,
तन मन सदा नीरोग करें।
खुली जगह में योग करें,
जीवन का सुख भोग करें।।
घर में हो या बाहर,
हर कोई मान करे।
मन में रखिये उत्कंठा,
दीर्घ जीवन जीने की।।
योग को अपनाओ।
बना लो जीवन शैली।।
-- लेखक एवं रचनाकार: अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।©
योग भगाये रोग! अति सुंदर मिश्रा जी।सादर आभार आपका 🙏
जवाब देंहटाएंरेणु जी! आप का बहुत बहुत आभार।
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