शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2020

नीति के दोहे (मुक्तक)









[© अशर्फी लाल मिश्र ,अकबरपुर,कानपुर ]

राज्य  हित में कांटे भी, बन जाते  है फूल। 
अरावलीय    पहाड़ियाँ ,राणा के अनुकूल।।

केहरि छोड़े न सुभाव , कितना   बूढा     होय। 
हिंसा उसके  मूल  में ,कभी न सात्विक होय।।






गुरुवार, 27 फ़रवरी 2020

नीति के दोहे (मुक्तक)

डिजिटल भारत है आज ,फिर भी धीमा काम।
चाल   वही   है    पुरानी , शासन  हो बदनाम।।


मानवता अब मर चुकी , वोट   बैंक   की    बात।
राष्ट्र   हित  पीछे  हुआ , हो निज हित  की बात।।

© Poet : Asharfi Lal Mishra , Akbarpur, Kanpur .


शनिवार, 22 फ़रवरी 2020

मन को झकझोरें प्यारी तितलियां

Asharfi Lal Mishra 










आयो  वसंत   मन  मोहैं   तितलियां ।
उड़ती तितलियाँ मटकती तितलियां ।।

पथ पर  बल खाती  मोहैं  तितलियां ।
बनन में बागन  में उड़ती तितलियां ।।

कुंजन  में  बैठ  वे  झाँकें  तितलियां ।
मन में रस  भरती प्यारी  तितलियां ।।

लोगों  के  मन  को  मोहैं  तितलियां ।
हर   कोई    चाहे   पकड़ूँ   तितलियां ।।

 पकड़ में  जब  आ  जाती तितलियां ।
 बेरहम दिल  मसल  देते तितलियां  ।।

प्यारी तितलियाँ कोमल तितलियां  ।
मन को  झकझोरें प्यारी तितलियां ।।

© कवि : अशर्फी लाल मिश्र , अकबरपुर ,कानपुर।


सोमवार, 10 फ़रवरी 2020

नीति के दोहे (मुक्तक)

 
 
पवन बिगड़ी बसंत की , करिये प्रातः सैर।
शरीर होय वायु मुक्त , 'लाल' मनाये खैर।।

चुनाव  आते    फूटता , जातिवाद नासूर।
ध्रुवीकरण हो मतों का ,प्रयास हो भरपूर।।

© कवि : अशर्फी लाल मिश्र , अकबरपुर ,कानपुर।



विप्र सुदामा - 40

  लेखक एवं रचनाकार : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर। अशर्फी लाल मिश्र (1943-----) नाथ  प्रभु  कृपा जब होये, क्षण में  छप्पर महल होये।  प्...