गुरुवार, 31 मार्च 2022

स्वागत नव संवत्सर का

-- लेखक : अशर्फी लाल मिश्र

अशर्फी लाल मिश्र






स्वागत स्वागत नव संवत्सर,

हर द्वार  सजा  है  बंदनवार।

घर घर  से भक्त  निकल रहे,

लिए थाल   पुष्पों  का  हार।।


हर  कोई  सरपट दौड़ रहा,

पहुंच   रहा  माता  के द्वार।

हर कोई व्याकुल दीख रहा,

कब  हों  माता  के   दीदार।।


घंटे की ध्वनि गूंज रही थी,

 मंदिर  माता भीड़ अपार।

भक्तों  की   थी  रेला पेली,

गूंजे  माता की  जय  कार।।


स्वागत स्वागत नव संवत्सर,

घर घर  छाई खुशी  अपार।

आज हर  कोई  बोल रहा है,

माता  की  जय  जय  कार।।


-- लेखक एवं रचनाकार : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।© 

रविवार, 20 मार्च 2022

कवि कुछ ऐसा करिये गान

 --अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।

अशर्फी लाल मिश्र







कवि कुछ ऐसा करिये गान,

 होये  मानवता   का   मान।

दानवता   सिर   उठा   रही,

मानवता  है   सिसक   रही।।


छाए हैं परमाणु  के  बादल,

कवि कुछ  ऐसी हवा बदल।

उड़    जाएं    सारे    बादल,

ठंढी    हो    जाये   हलचल।।


कवि ऐसा अवसर कब होगा?

मानवता का सिर ऊंचा होगा।

दानवता  नत   मस्तक  होगी,

मानवता  की  इज्जत   होगी।।

-- लेखक एवं रचनाकार: अशर्फी लाल मिश्र ,अकबरपुर, कानपुर।©







दोहे विश्व जल दिवस पर (22 मार्च)

 --अशर्फी लाल मिश्र

अशर्फी लाल मिश्र






पोखर ताल सिकुड़ रहे, गहरे  करे  न   कोय।

समर पम्प घर घर लगे ,अतिशय  दोहन होय।।1।।

मीठा जल बरसात का,ईश्वर   का    वरदान।

इसको  सदा  सँजोइये,जल है सब की जान।।2।।

-अशर्फी लाल मिश्र,अकबरपुर, कानपुर।

गुरुवार, 17 मार्च 2022

दोहे होली पर

 --अशर्फी लाल मिश्र

अशर्फी लाल मिश्र






होली पर्व रंगों का, मन का मिटै मलाल।

कोई रंग  बरसाये, कोई   मले   गुलाल।।


--अशर्फी लाल मिश्र,अकबरपुर, कानपुर।

रविवार, 13 मार्च 2022

नीति के दोहे मुक्तक

 --अशर्फी लाल मिश्र 

अशर्फी लाल मिश्र






(दोहे साधु पर)

कंचन कामिनि कीर्ति की, जिसमें  इच्छा  होय।

भले  ही  वेश   साधु  का,फिर भी साधु न होय।।


--अशर्फी लाल मिश्र,अकबरपुर,कानपुर।

गुरुवार, 10 मार्च 2022

दोहे लोकतंत्र पर

 --अशर्फी लाल मिश्र

अशर्फी लाल मिश्र






लोकतंत्र है अग्रसर, राष्ट्रवाद की ओर।

जातिवादी राजनीति, होय रही कमजोर।।


--अशर्फी लाल मिश्र,अकबरपुर, कानपुर।

बुधवार, 9 मार्च 2022

दोहे महिला दिवस पर

 -अशर्फी लाल मिश्र

अशर्फी लाल मिश्र







बेटा से अधिक करिये,बेटी पर विश्वास।

ख्याल रखती है बेटी, दूर होय या पास।।


----अशर्फी लाल मिश्र,अकबरपुर, कानपुर।

शुक्रवार, 4 मार्च 2022

रूस यूक्रेन युद्ध में तिरंगा

 -अशर्फी लाल मिश्र

अशर्फी लाल मिश्र






(भारतीय तिरंगा)








यूक्रेन रूस  युद्ध  में,तिरंगा बना ढाल।

हर कोई चिल्ला रहा,झंडा रोके काल।।1।।

पाक   छात्र   यूक्रेन   में,तिरंगा  लिए  साथ।

आज ढाल हर किसी का,झंडा जिसके हाथ।।2।।


-अशर्फी लाल मिश्र,अकबरपुर, कानपुर।

बुधवार, 2 मार्च 2022

नीति के दोहे मुक्तक

 -अशर्फी लाल मिश्र

अशर्फी लाल मिश्र






(दोहे साधु पर)

बचपन यौवन पार कर, वानप्रस्थ का ज्ञान।

सब माया जो  त्याग दे,उसे हि  साधू जान।।1।।


गोमुख में माला घुमे, मन घूमे चहुँ ओर।

ऐसे भजन होय नहीं, मन में बसता चोर।।2।।


कवि :अशर्फी लाल मिश्र,अकबरपुर, कानपुर।



मंगलवार, 1 मार्च 2022

अध्यात्म पर दोहे

 -अशर्फी लाल मिश्र

अशर्फी लाल मिश्र






सतगुण तमगुण और रज, से चालित संसार।

चौथा  गुण  जो  जान  ले, बेड़ा  उसका पार।।


-कवि : अशर्फी लाल मिश्र , अकबरपुर, कानपुर।

विप्र सुदामा - 40

  लेखक एवं रचनाकार : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर। अशर्फी लाल मिश्र (1943-----) नाथ  प्रभु  कृपा जब होये, क्षण में  छप्पर महल होये।  प्...