चुनाव आते फूटता , जातिवाद नासूर।
मतदाता को भ्रमित कर ,करते चाहत पूर।।
© कवि : अशर्फी लाल मिश्र ,अकबरपुर ,कानपुर।
लेखक : अशर्फी लाल मिश्र अकबरपुर, कानपुर। अशर्फी लाल मिश्र (1943-----) भामा मुख से जब सूना, दर्शन करना हो वीतरागी। या तीर्थयात्रा पर हो ...
जागरूक मतदाता कैसे भ्रमित हो सकता?
जवाब देंहटाएंटिप्पणी के लिए आभार। जागरूक मतदाताओं का प्रतिशत बहुत ही कम है।
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