गुरुवार, 10 अगस्त 2023

विप्र सुदामा -11

 -- लेखक: अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर देहात।

अशर्फी लाल मिश्र 






द्वारपाल  से  कहें  सुदामा,

लालच   नाही   मेरे   हिये।

कान्हा  हमारे  बाल  सखा,

मिलन  की इच्छा  मेरे हिये।।


कान्हा  द्वारिका  के  राजा,

तुम हो  साधारण भिखारी।

मित्रता होय  सदा समता में,

राजा  मीत  कैसे   भिखारी।।


कान्हा   हमारे  हैं  सहपाठी,

उज्जयिनी में थे साथ साथ।

संदीपनि   गुरु   आश्रम   में,

शिक्षा   पाई    साथ    साथ।।


द्वारपाल   ने   जब    जाना,

विप्र  द्वारिकाधीश सहपाठी।

द्वारपाल  अब  करे   दंडवत,

बार  बार  मांगे  अब  माफी।।


विप्र जा मिलो द्वारिकानाथ,

मत करियो  शिकायत  मेरी।

विप्र!  विनती   है  मेरी  एक,

मत करियो  शिकायत  मेरी।।

Author : Asharfi Lal Mishra,Akbarpur, Kanpur Dehat.






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