-- लेखक एवं रचनाकार : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।©
अशर्फी लाल मिश्र |
आओ राम ले धनुष हाथ।
टंकार लगा दो एक बार।।
जगह जगह रावण जन्मे।
दस शीश काट दो एक बार।।
मानवता है सिसक रही।
दानवता सिर उठा रही।।
आओ राम ले धनुष हाथ।
टंकार लगा दो एक बार।।
लेखक एवं रचनाकार : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।©
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