शनिवार, 30 जुलाई 2022

नीति के दोहे मुक्तक

 - अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।

अशर्फी लाल मिश्र






आवास 

झोपड़ि अच्छी महल से, जो आपनि कहलाय ।

जिमि बया बनाये   नीड़, मन  में अति हरसाय ।।1।।

माता

मां  सम  कोई  देव  नहि, अन्न समान  न दान।

पीपल सम कोइ तरु नहि, जनु जीवन वरदान।।2।।

- लेखक एवं रचनाकार : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।



1 टिप्पणी:

विप्र सुदामा - 40

  लेखक एवं रचनाकार : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर। अशर्फी लाल मिश्र (1943-----) नाथ  प्रभु  कृपा जब होये, क्षण में  छप्पर महल होये।  प्...