मंगलवार, 7 सितंबर 2021

नीति के दोहे मुक्तक

                               ॐ 

द्वारा : अशर्फी लाल मिश्र 

अशर्फी लाल मिश्र 






काला धन 

काला  होय धंधा धन, दोनों रहते गोय। 

जीवन सदा सुखी रहे, सत्ता कंधा होय।।


©कवि : अशर्फी लाल मिश्र ,अकबरपुर ,कानपुर। 


5 टिप्‍पणियां:

विप्र सुदामा - 56

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