बुधवार, 8 सितंबर 2021

हरतालिका गीत

        ॐ 

द्वारा : अशर्फी लाल मिश्र 

अशर्फी लाल मिश्र 






हरितालिका व्रत के अवसर पर





शैलजा  कीन्हा  कठिन  व्रत,

बहु  काल  बीता  करते  व्रत। 

था भादौं मास  रैन  उजियारी,

तृतीया तिथि अनुपम न्यारी।।

सम्मुख  खड़े  थे  भोले आज,

मांगो  इच्छित  वरदान आज। 

आप के  दर्शन  मेरा सौभाग्य ,

दया  नाथ  की   मेरा  भाग्य।।

नाथ तुम्हारा कर मेरे सिर पर ,

मेरा सिर हो तुम्हारे  चरणों में।

प्रिये  शैलजा  प्राणों से प्यारी ,

तुम साथ रहो वामांगी हमारी।। 


©कवि : अशर्फी लाल मिश्र ,अकबरपुर ,कानपुर । 

9 टिप्‍पणियां:

विप्र सुदामा - 39

लेखक एवं रचनाकार : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर। अशर्फी लाल मिश्र (1943---) प्रिये तुझे  मुबारक तेरा महल, मुझको प्रिय  लागै मेरी छानी। ...