कवि: अशर्फी लाल मिश्र
राजनीति
जातिवाद का देखिये, लोकतंत्र में खेल।
समाज सेवा होइ नहि, यह सिद्धांत अपेल।।
©कवि : अशर्फी लाल मिश्र,अकबरपुर,कानपूर।
कवि एवं लेखक - अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर। अशर्फी लाल मिश्र (1943-----) जागो जागो लोक मतदाता, मतदान करो तुम बार बार। जनतन्त्र म...
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