मंगलवार, 27 अप्रैल 2021

आज हर कोई दिखता बेदम नजर(गजल)

 द्वारा:अशर्फी लाल मिश्र

अशर्फी लाल मिश्र 







कोरोना   की  आई   दूसरी   लहर,

आज हर कोई दिखता बेदम नजर।


जिधर भी नजर डाल कर देखता हूँ,

उधर   निराशा निराशा आती नजर।


कहीं   लाल   पड़ा   चिर  निद्रा  में,

कहीं    माता    असीम   पथ   पर।


आज    प्यार    बन्धन    टूट    रहे,

हर    कोई    हाथ   हिलाता नजर।


कोरोना    की   आई  दूसरी  लहर,

आज हर कोई दिखता बेदम नजर।

© अशर्फी लाल मिश्र ,अकबरपुर,कानपुर देहात।

2 टिप्‍पणियां:

विप्र सुदामा - 56

  लेखक : अशर्फी लाल मिश्र अकबरपुर, कानपुर। अशर्फी लाल मिश्र (1943-----) भामा मुख  से जब  सूना, दर्शन  करना हो वीतरागी। या तीर्थयात्रा पर हो ...