गुरुवार, 31 मार्च 2022

स्वागत नव संवत्सर का

-- लेखक : अशर्फी लाल मिश्र

अशर्फी लाल मिश्र






स्वागत स्वागत नव संवत्सर,

हर द्वार  सजा  है  बंदनवार।

घर घर  से भक्त  निकल रहे,

लिए थाल   पुष्पों  का  हार।।


हर  कोई  सरपट दौड़ रहा,

पहुंच   रहा  माता  के द्वार।

हर कोई व्याकुल दीख रहा,

कब  हों  माता  के   दीदार।।


घंटे की ध्वनि गूंज रही थी,

 मंदिर  माता भीड़ अपार।

भक्तों  की   थी  रेला पेली,

गूंजे  माता की  जय  कार।।


स्वागत स्वागत नव संवत्सर,

घर घर  छाई खुशी  अपार।

आज हर  कोई  बोल रहा है,

माता  की  जय  जय  कार।।


-- लेखक एवं रचनाकार : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।© 

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