सोमवार, 30 अगस्त 2021

जब प्रकटे कृष्ण मुरारी

                       ॐ

कवि : अशर्फी लाल मिश्र

अशर्फी लाल मिश्र 






भादौं मास अष्टमी कारी, दामिनि दमकै वर्षा भारी।

बंदीजन सब   नींद    में ,तब  प्रकटे  कृष्ण  मुरारी।।

मातु देवकी थी अचंभित ,सम्मुख चक्र सुदर्शनधारी। 

मातु हमें पहुंचाओ गोकुल ,जँह पर नन्द यशोदा रानी।।

अब बालक रूप में आ गए , लगाई  एक     किलकारी।

बसुदेव की नींद खुली तबहीं ,जब प्रकटे कृष्ण मुरारी।।

अब देवकी खड़ी कर जोरे , बालक नाथ अनाथ  हुआ । 

नाहीं बालक अनाथ प्रिये , बालक  मेरा  प्राण  प्रिये।।

गोकुल में हैं मीत  हमार ,शीघ्र जाऊं जमुना पार। 

वसुदेव के सिर पर सूप ,जिसमें लेटे  जग के भूप।।

कपाट खुले सब कारा , पहुंचे जहां जमुना की धारा। 

अब प्रवेश किया जमुना में ,मुंह तक पहुंचा पानी।।

सूप उठाया हाथों पर ,कान्हा ने स्थिति को जाना। 

 पैर निकाला  सूप से  , नीचे  डाला  जमुना   में।।

वसुदेव चले अब तेजी से , पहुंचे  नन्द के  द्वार। 

कपाट खुले नन्द भवन , पहुंचे जँह यशोदा शयन।।

यशोदा साथ कन्या एक , सूप   लिटाया   उसको। 

कान्हा लेटे  यशोदा साथ,कन्या पहुंची कारा साथ।। 

देवकी गोद कन्या देकर ,खुद  बंद  हुए  कारा  घर। 

सुन रुदन  कन्या का, शीघ्र आया कंस अत्याचारी।।


©कवि : अशर्फी लाल मिश्र ,अकबरपुर ,कानपुर।  


 

 

 

शुक्रवार, 27 अगस्त 2021

नीति के दोहे मुक्तक

 कवि : अशर्फी लाल मिश्र

अशर्फी लाल मिश्र





             

               जीवन

दिन    बीते    रात   बीते, पल  पल बीता जाय।

जनहित में कुछ क्षण लगें,जीवन सफल कहाय।।


©कवि : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपूर।

बुधवार, 25 अगस्त 2021

नीति के दोहे मुक्तक

 कवि: अशर्फी लाल मिश्र

         राजनीति

जातिवाद  का देखिये, लोकतंत्र  में  खेल।

समाज सेवा होइ नहि, यह सिद्धांत अपेल।।


©कवि : अशर्फी लाल मिश्र,अकबरपुर,कानपूर।

रविवार, 22 अगस्त 2021

नीति के दोहे मुक्तक

 द्वारा: अशर्फी लाल मिश्र 

Asharfi Lal Mishra




          


  लेखनी

मत करियो कुंठित कलम, गाय मनुज यशगान।

मानव   हित   में   लेखनी, वही  लेखनी  जान।।


© कवि : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।

बुधवार, 18 अगस्त 2021

लाल काव्य संग्रह

                         *श्रीगणेशाय नमः *

                    ** लाल काव्य संग्रह **

[ रचयिता : कवि अशर्फी लाल मिश्र   ,अकबरपुर। कानपुर ]

अशर्फी लाल मिश्र 

विषय सूची (Contents)

1 - काव्य संग्रह -भाग -1 (ऋतु वर्णन )

2 - काव्य संग्रह -भाग-2 (माधुर्य भक्ति )

3 - काव्य संग्रह -भाग-3 (प्रकृति वर्णन )

4 - काव्य संग्रह - भाग-4 (देश-भक्ति)

5 - काव्य संग्रह-भाग-5(राम काव्य)

6 - काव्य संग्रह-भाग-6(राजनीति)

7 - काव्य संग्रह-भाग-7 कोरोना

8 - काव्य संग्रह-भाग-8 (सुदामा)

9 - काव्य संग्रह-भाग-9(महाप्रयाण)

10 - काव्य संग्रह-भाग-10(निडर)

11 - काव्य संग्रह-भाग-11(मोती)

12 - काव्य संग्रह-भाग-12(राजपथ)

13 - काव्य संग्रह-भाग-13(अपमिश्रण)

14 - काव्य संग्रह-भाग-14(भ्रष्टाचार)

15 - काव्य संग्रह-भाग-15(निर्गुण)


[Author : ©  Asharfi Lal Mishra]



रविवार, 15 अगस्त 2021

जागो नर कुछ कर्म करो

श्री गणेशाय नमः 

द्वारा : अशर्फी लाल मिश्र 

अशर्फी लाल मिश्र 

जागो   नर   कुछ   कर्म    करो । 
मत समय बिताओ व्यर्थ कभी।। 

रवि से सीखो समय पालन। 
धैर्य   सीखो   धरिणी    से।। 

जीवन  में  यदि  गति  चाहो। 
गति सीखो मारुत नन्दन से।। 

उठो नर अपना मार्ग चुनो। 
जैसे  चुनता वन का  सिंह।। 

जीवन   मूल्य   अमूल्य  सदा। 
मत समय बिताओ व्यर्थ कभी।। 
 
©कवि : अशर्फी लाल मिश्र ,अकबरपुर, कानपुर। 







  

नीति के दोहे मुक्तक

                                                               श्री गणेशाय नमः 

 द्वारा : अशर्फी लाल मिश्र 

अशर्फी लाल मिश्र 

राजनीति 
अपराधी लड़े  चुनाव, नहि निर्भय मतदान। 
पराजित  हो अपराधी , वोटर खतरे  जान।।

 ©कवि : अशर्फी लाल मिश्र ,अकबरपुर,कानपुर। 


बुधवार, 4 अगस्त 2021

आदि देव महादेव

 -- अशर्फी लाल मिश्र , अकबरपुर, कानपुर।

अशर्फी लाल मिश्र







हिम गिरि उत्तुंग शिखर,

गौरा    संग       लिये।

सावन    भोले  रंग रंगे,

हरदम  रहते  भंग पिये।।


गौरा थाली भंग धतूरे,

श्रीफल  संग    लिये।

जो भी भावै भोले को,

गौरा      संग     लिये।।


सावन शिव विष पान,

देवों  में  हुये   महान।

हर कोई पूजा थाल में,

बिल्वपत्र है संग लिये।।


लेखक एवं रचनाकार: अशर्फी लाल मिश्र,अकबरपुर,कानपुर।©


विप्र सुदामा - 40

  लेखक एवं रचनाकार : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर। अशर्फी लाल मिश्र (1943-----) नाथ  प्रभु  कृपा जब होये, क्षण में  छप्पर महल होये।  प्...