बुधवार, 25 अगस्त 2021

नीति के दोहे मुक्तक

 कवि: अशर्फी लाल मिश्र

         राजनीति

जातिवाद  का देखिये, लोकतंत्र  में  खेल।

समाज सेवा होइ नहि, यह सिद्धांत अपेल।।


©कवि : अशर्फी लाल मिश्र,अकबरपुर,कानपूर।

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नीति के दोहे मुक्तक

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