शनिवार, 22 अगस्त 2020

कवि कुछ ऐसा राग सुनाओ

© अशर्फी लाल मिश्र ,अकबरपुर, कानपुर

 
Asharfi Lal Mishra

 कवि कुछ ऐसा राग सुनाओ,

राष्ट्र   सूत्र    में   बंध   जाये।

सभी राज्य  हों हार के मोती,

राष्ट्र सुन्दर माला  बन जाये।।


हर राज्य है अलग रत्न जैसा,

उसकी पहिचान अलग होये।

धागे  में  पिरोये   जाने   पर,

एक सुन्दर  माला बन जाये।।


जातिवाद का  हो  उन्मूलन,

क्षेत्रवाद       मिट     जाये।

भाषा हो विकास की जननी,

धर्म में सहिष्णुता आ जाये।।


भारत  में  हों  या विदेश में,

पर राष्ट्र की गरिमा बनी रहे।

अचानक आये  कोई संकट,

राष्ट्र   सूत्र   में   बंध   जाये।।

-- लेखक एवं रचनाकार:अशर्फी लाल मिश्र,अकबरपुर, कानपुर।©

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शुक्रवार, 14 अगस्त 2020

रानी झाँसी शाश्वत है

 © अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।

Asharfi Lal Mishra







इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में। 

रानी     झाँसी    शश्वत    है।। 


पीठ   पर     दामोदर      था,

मुंह से पकड़ी  बाग जिसने।

दोनों हाथों से तलवार चलाई,

वह   लक्ष्मीबाई   शाश्वत है।। 


युद्ध  भूमि  में  थी  रणचण्डी ,

गोरों    निमित्त   जादूगरनी। 

अंग्रेजी सेना में मचाई भगदड़,

वह  रानी  झाँसी   शाश्वत  है।। 


मातृ   भूमि    की    रक्षा   में,

दी     प्राणों      की      बाजी।

इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में,

रानी     झाँसी     शश्वत    है।

लेखक : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।

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विप्र सुदामा - 40

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