© अशर्फी लाल मिश्र ,अकबरपुर, कानपुर
Asharfi Lal Mishra |
कवि कुछ ऐसा राग सुनाओ,
राष्ट्र सूत्र में बंध जाये।
सभी राज्य हों हार के मोती,
राष्ट्र सुन्दर माला बन जाये।।
हर राज्य है अलग रत्न जैसा,
उसकी पहिचान अलग होये।
धागे में पिरोये जाने पर,
एक सुन्दर माला बन जाये।।
जातिवाद का हो उन्मूलन,
क्षेत्रवाद मिट जाये।
भाषा हो विकास की जननी,
धर्म में सहिष्णुता आ जाये।।
भारत में हों या विदेश में,
पर राष्ट्र की गरिमा बनी रहे।
अचानक आये कोई संकट,
राष्ट्र सूत्र में बंध जाये।।
-- लेखक एवं रचनाकार:अशर्फी लाल मिश्र,अकबरपुर, कानपुर।©
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