© अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।
Asharfi Lal Mishra |
इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में।
रानी झाँसी शश्वत है।।
पीठ पर दामोदर था,
मुंह से पकड़ी बाग जिसने।
दोनों हाथों से तलवार चलाई,
वह लक्ष्मीबाई शाश्वत है।।
युद्ध भूमि में थी रणचण्डी ,
गोरों निमित्त जादूगरनी।
अंग्रेजी सेना में मचाई भगदड़,
वह रानी झाँसी शाश्वत है।।
मातृ भूमि की रक्षा में,
दी प्राणों की बाजी।
इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में,
रानी झाँसी शश्वत है।।
लेखक : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।
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