शुक्रवार, 9 सितंबर 2022

नीति के दोहे मुक्तक

 -- अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर ।

अशर्फी लाल मिश्र 






अल्प ज्ञानी

अल्प ज्ञानी अभिमानी, मन  से  क्रोधी  होय।

वेश   होय   आडम्बरी, क्रोधहि, आपा खोय।।1।।

राजनीति

स्वर बदला वेश बदला, जब दल बदला जाय।

साथ  में  धब्बा   काला,दल  बदलू  कहलाय।।2।।

-- लेखक एवं रचनाकार : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।

विप्र सुदामा - 40

  लेखक एवं रचनाकार : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर। अशर्फी लाल मिश्र (1943-----) नाथ  प्रभु  कृपा जब होये, क्षण में  छप्पर महल होये।  प्...