शुक्रवार, 1 अप्रैल 2022

नीति के दोहे मुक्तक

  द्वारा -- अशर्फी लाल मिश्र 

अशर्फी लाल मिश्र





                

                   संत

संत उसे ही मानिये, मन से उज्ज्वल होय।

मानवता का तत्व हो, द्वेष भाव नहि कोय।।


-- अशर्फी लाल मिश्र , अकबरपुर,कानपुर।


 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

व्यास पूर्णिमा (गुरु पूर्णिमा)

 -- लेखक एवं रचनाकार : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।© अशर्फी लाल मिश्र  पूर्णिमा तिथि थी अषाढ़ मास की, जब महर्षि व्यास ने  जन्म लिया। प...