गुरुवार, 6 जनवरी 2022

नीति के दोहे मुक्तक

 कवि : अशर्फी लाल मिश्र,अकबरपुर,कानपुर।

Asharfi Lal Mishra






                       विद्या

विद्या  सदा  उसे    मिले, जिसे न घर का राग।

पल पल का मूल्य समझे,सुख का करता त्याग।।


                    ★★★★★

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

विप्र सुदामा - 39

लेखक एवं रचनाकार : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर। अशर्फी लाल मिश्र (1943---) प्रिये तुझे  मुबारक तेरा महल, मुझको प्रिय  लागै मेरी छानी। ...