शुक्रवार, 7 जनवरी 2022

नीति के दोहे मुक्तक

 द्वारा : अशर्फी लाल मिश्र 

अशर्फी लाल मिश्र






            धैर्य 

विपरीत परिस्थिति जानि , धीरज राखै धीर।

 अनुकूल परिस्थिति होय ,जो सुमिरै रघुवीर।।   


कवि: अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।

                   *****

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

विप्र सुदामा - 56

  लेखक : अशर्फी लाल मिश्र अकबरपुर, कानपुर। अशर्फी लाल मिश्र (1943-----) भामा मुख  से जब  सूना, दर्शन  करना हो वीतरागी। या तीर्थयात्रा पर हो ...