सोमवार, 18 जुलाई 2022

मुझे बना दो श्वेत शिला

 -- अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।

अशर्फी लाल मिश्र 







मुझे बना दो श्वेत शिला,

तराशा जाऊँ धीरे धीरे।

शिल्पी मुझे ऐसे तराशे,

मैं मुस्काऊं  धीरे  धीरे।।


ऐ शिल्पी तू मुझे बना दे,

देवालय   का   महादेव!

नित जल से स्नान करूँ,

घोष होय  जय महादेव!

लेखक एवं रचनाकार :  अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।©



4 टिप्‍पणियां:

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