रविवार, 15 मई 2022

नीति के दोहे मुक्तक

 --अशर्फी लाल मिश्र

अशर्फी लाल मिश्र







चरित्रहीन व्यक्ति पालन, मूर्ख शिष्य को ज्ञान ।

इनको    सदैव  त्यागिये , यदि  चाहो  उत्थान।।

--अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।




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