-- अशर्फी लाल मिश्र , अकबरपुर, कानपुर।
अशर्फी लाल मिश्र |
हिम गिरि उत्तुंग शिखर,
गौरा संग लिये।
सावन भोले रंग रंगे,
हरदम रहते भंग पिये।।
गौरा थाली भंग धतूरे,
श्रीफल संग लिये।
जो भी भावै भोले को,
गौरा संग लिये।।
सावन शिव विष पान,
देवों में हुये महान।
हर कोई पूजा थाल में,
बिल्वपत्र है संग लिये।।
लेखक एवं रचनाकार: अशर्फी लाल मिश्र,अकबरपुर,कानपुर।©
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