द्वारा : अशर्फी लाल मिश्र
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विप्र सुदामा - 70
लेखक : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर। अशर्फी लाल मिश्र (1943-----) कान्ह गले मिलि मीत से, निकल पड़े अब कुटिया से। मन खोया बचपन स्मृत...
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© लेखक : अशर्फी लाल मिश्र Asharfi Lal Mishra वियोगी होगा पहला कवि...
जी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार(१८-०९-२०२१) को
'ईश्वर के प्रांगण में '(चर्चा अंक-४१९१) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
बहुत बहुत आभार।
हटाएंसुन्दर
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार।
हटाएंवाह...।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार।
हटाएंसुंदर सटीक व्यंग्य रचनाएं।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार।
हटाएंबहुत सुन्दर व्यंग
जवाब देंहटाएंवाह!!!
बहुत बहुत आभार।
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया कहा ।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार।
हटाएंबहुत सटीक...
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार।
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