शुक्रवार, 17 सितंबर 2021

नीति के दोहे मुक्तक

 लेखक : अशर्फी लाल मिश्र 

अशर्फी लाल मिश्र 






मित्र 

मिले अचानक मीत  यदि, हर्षित नाहीं नैन। 

त्यागहु   ऐसे   मीत  को ,याही में सुख चैन।।


©कवि : अशर्फी लाल मिश्र ,अकबरपुर,कानपुर। 

2 टिप्‍पणियां:

विप्र सुदामा - 56

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