गुरुवार, 29 अक्तूबर 2020

नीति के दोहे (मुक्तक )

 कवि : अशर्फी लाल मिश्र , अकबरपुर ,कानपुर। 

अशर्फी लाल मिश्र 

कमजोरी 
मत करो  प्रदर्शन ताहि , जो कमजोरी होय। 
नहि छोड़े फुसकार अहि , भले विषहीन होय।।


मित्र 
भले ही हो  अच्छा  मित्र ,कम करियो विश्वास। 
मित्र    होये  यदि  नाराज ,खोल भेद  उपहास।।

मत करो समर्थन ताहि,गलत करे जो काम।
दूरी  राखि  सदा रहो, नाही उधार दाम।।

राजनीति 
क्रिमिनल चुनाव मैदान ,खूब होइ मतदान। 
क्रिमिनल पहुँचेँ  सदन  में ,सबसे ज्यादा मान ।।

© अशर्फी लाल मिश्र ,अकबरपुर ,कानपुर। 







7 टिप्‍पणियां:

  1. सीखप्रद सृजन..अति सुन्दर।

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  2. यथार्थ वर्णित करती अच
    छी रचना ...

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  3. बहिन अनीता आप का बहुत बहुत आभार।

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  4. सार्थक मुक्तक - - दीपावली की असंख्य शुभकामनाएं - - नमन सह।

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जागो जागो जनतंत्र प्रहरी

  कवि एवं लेखक - अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर। अशर्फी लाल मिश्र (1943-----) जागो जागो जनतन्त्र प्रहरी, मतदान करो तुम बार बार। जनतन्त्र ...