मंगलवार, 30 नवंबर 2021

मुस्कान

द्वारा : अशर्फी लाल मिश्र 

खांड   सीठी ,  चीनी    सीठी, 
जब से देखी मुस्कान मिठाई।
तन  मन  में   वह  रम   गई, 
ऐसी  है वह मुस्कान मिठाई।। 

सोवत  जागत   भूले   नाहीं,
ऐसी मीठी मुस्कान मिठाई। 
ग्राहक भी स्वयं बिका बिका,
ऐसी है वह अमूल्य मिठाई।।

कवि : अशर्फी लाल मिश्र ,अकबरपुर ,कानपुर।  

3 टिप्‍पणियां:

विप्र सुदामा - 40

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