गुरुवार, 8 अक्तूबर 2020

देख शिवा का रण कौशल

 © कवि : अशर्फी लाल मिश्र ,अकबरपुर ,कानपुर 

अशर्फी लाल मिश्र 

देख  शिवा  का  रण कौशल,
भयभीत सदा रहता आदिल। 
अफजल आदिल का सेनापति ,
सेना    रहती    साथ    सदा।।

अफजल जो भी चाल चले ,
शिवाजी  उससे दूनी चले। 
अफजल ने भेजा एक संदेश, 
हुई शिवा अफजल की भेंट।।

कपटी अफजल साथ कटार,
शिवा  के  पीठ करता  वार। 
मराठा सिंह का बघनख वार,
आंते    बाहर   हाथ    पसार।।
 
अब  भूमि  पड़ा  था   अफजल,
मचगई आदिल सेना में भगदड़।
देख   शिवा  का   रण     कौशल ,
भयभीत   सदा  रहता  आदिल।।
=+=
रचनाकार एवं लेखक : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर






1 टिप्पणी:

  1. छत्रपति शिवाजी की छापामार शैली से सभी मुगलिया सल्तनत परेशान थी।

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