शुक्रवार, 23 अक्तूबर 2020

नीति के दोहे (मुक्तक)

कवि :अशर्फी लाल मिश्र ,अकबरपुर ,कानपुर 

अशर्फी लाल मिश्र 
उधार  देना 
धन उधार सदा उसको ,दिखता हो गुणवान। 
अवगुणी करै न वापस ,धनहि पाइ धनवान।।

वारिधि  देय उधार जल ,देख मेघ गुणवान। 
घन बरसे वारि वापस ,सिंधु सदा धनवान।।

©Poet : Asharfi Lal Mishra, Akbarpur, Kanpur. 


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

जागो जागो जनतंत्र प्रहरी

  कवि एवं लेखक - अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर। अशर्फी लाल मिश्र (1943-----) जागो जागो जनतन्त्र प्रहरी, मतदान करो तुम बार बार। जनतन्त्र ...