बुधवार, 23 फ़रवरी 2022

अध्यात्म पर दोहे

 -अशर्फी लाल मिश्र

अशर्फी लाल मिश्र






(भारतीय दर्शन)

उड़ जा  पंछी  उस देश, जहां न राग न द्वेष।

जँह पर कोई नहि भेद,ऐसा   है  वह   देश।।1।।

शीतल मन्द पवन सदा, ताप नहीं उस देश।

बसिये   ऐसे   देश   में, रोग जरा नहि शेष।।2।।


कवि : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।

7 टिप्‍पणियां:

विप्र सुदामा - 73

  लेखक : अशर्फी लाल मिश्र अकबरपुर, कानपुर। अशर्फी लाल मिश्र ( 1943----) अभी कान्ह चुप चाप पड़े थे, मुख से निकलहि  शब्द नहीँ। भामा के प्रश्नों...