द्वारा: अशर्फी लाल मिश्र
Asharfi Lal Mishra |
दोहा: दल सशस्त्र झंडा दिवस, खुलकर दीजै दान।
शहीद अपंग परिवार, होय महा कल्यान ।।
कवि:अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।
कवि एवं लेखक - अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर। अशर्फी लाल मिश्र (1943-----) जागो जागो जनतन्त्र प्रहरी, मतदान करो तुम बार बार। जनतन्त्र ...
नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा मंगलवार (07-12-2021 ) को 'आया ओमीक्रोन का, चर्चा में अब नाम' (चर्चा अंक 4271) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है। रात्रि 12:01 AM के बाद प्रस्तुति ब्लॉग 'चर्चामंच' पर उपलब्ध होगी।
चर्चामंच पर आपकी रचना का लिंक विस्तारिक पाठक वर्ग तक पहुँचाने के उद्देश्य से सम्मिलित किया गया है ताकि साहित्य रसिक पाठकों को अनेक विकल्प मिल सकें तथा साहित्य-सृजन के विभिन्न आयामों से वे सूचित हो सकें।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
#रवीन्द्र_सिंह_यादव
यादव जी बहुत बहुत आभार।
हटाएं'मयंक'जी आप का बहुत बहुत आभार।
जवाब देंहटाएंसुन्दर दोहा ...
जवाब देंहटाएंआभार।
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