शुक्रवार, 3 जुलाई 2020

नीति के दोहे(मुक्तक)

© अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।

अशर्फी लाल मिश्र










नेता
परिवार का कद ऊँचा,सोहरत साथ होय।
मीडिया को लेय साथ, नेता बनता सोय।।
शत्रु
रिपु को मत छोटा मान,मत देखो आकार।
समय पाकर चींटी भी,करती गज पर वार।।
घर का शत्रु
चुगुल चोर होय  घर का,कबहुँ  न रोका जाय।
न करियो  विश्वास ताहि, भले हि तीरथ जाय।।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

विप्र सुदामा - 39

लेखक एवं रचनाकार : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर। अशर्फी लाल मिश्र (1943---) प्रिये तुझे  मुबारक तेरा महल, मुझको प्रिय  लागै मेरी छानी। ...