Asharfi Lal Mishra |
आयो वसंत मन मोहैं तितलियां ।
उड़ती तितलियाँ मटकती तितलियां ।।
पथ पर बल खाती मोहैं तितलियां ।
बनन में बागन में उड़ती तितलियां ।।
कुंजन में बैठ वे झाँकें तितलियां ।
मन में रस भरती प्यारी तितलियां ।।
लोगों के मन को मोहैं तितलियां ।
हर कोई चाहे पकड़ूँ तितलियां ।।
पकड़ में जब आ जाती तितलियां ।
बेरहम दिल मसल देते तितलियां ।।
प्यारी तितलियाँ कोमल तितलियां ।
मन को झकझोरें प्यारी तितलियां ।।
© कवि : अशर्फी लाल मिश्र , अकबरपुर ,कानपुर।
उड़ती तितलियाँ मटकती तितलियां ।।
पथ पर बल खाती मोहैं तितलियां ।
बनन में बागन में उड़ती तितलियां ।।
कुंजन में बैठ वे झाँकें तितलियां ।
मन में रस भरती प्यारी तितलियां ।।
लोगों के मन को मोहैं तितलियां ।
हर कोई चाहे पकड़ूँ तितलियां ।।
पकड़ में जब आ जाती तितलियां ।
बेरहम दिल मसल देते तितलियां ।।
प्यारी तितलियाँ कोमल तितलियां ।
मन को झकझोरें प्यारी तितलियां ।।
© कवि : अशर्फी लाल मिश्र , अकबरपुर ,कानपुर।
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