गुरुवार, 2 मई 2024

जागो जागो लोक मतदाता

 कवि एवं लेखक - अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।

अशर्फी लाल मिश्र (1943-----)







जागो जागो लोक मतदाता,

मतदान  करो  तुम  बार बार।

जनतन्त्र  मूल  मतदान  सदा,

मतदान करो  तुम  बार  बार।।


गुंडे  अपराधी  दिखें  रण  में,

तुम  धूल  चटा  दो  एक बार।

भूखे  भेड़िये  जो  सत्ता के हों,

तुम सबक सिखा दो एक बार।।

 

दिखे गंध यदि राजतन्त्र की,

औकाद  बता दो  एक बार।

जाति धर्म  की लाठी  साधे,

उन्हें धूल चटा दो  एक बार।।


जो जनता बीच न  जाते हों,

सबक  सिखा  दो  एक बार।

जागो जागो लोक मतदाता,

मतदान  करो  तुम  बार  बार।।

- कवि एवं लेखक : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।©


2 टिप्‍पणियां:

  1. जो जनता बीच न जाते हों,

    सबक सिखा दो एक बार।

    जागो जागो लोक मतदाता,

    मतदान करो तुम बार बार।।
    सही कहा ऐसे नेताओं को सबक सिखाना भी आवश्यक है
    बहुत सुन्दर सार्थक सृजन ।

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विप्र सुदामा - 56

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