सोमवार, 1 जनवरी 2024

बाइस जनवरी सन चौबीस

 -- लेखक : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।

अशर्फी लाल मिश्र (1943-----)







बाइस जनवरी सन चौबीस, 

मन रही दीवाली घर घर में।

सदियों से है रिक्त सिंहासन,

चर्चा हो  रही है  जन जन में।।


सिंहासन रिक्त साकेतपुरी,

मनु  राम अभी  थे  बन में।

राम होंगे आरूड़ सिंहासन,

चर्चा  हो रही  जन  जन में।


चारों ओर  ख़ुशी  है  फैली,

बज रही बधाई  घर  घर में।

राम  होंगे आरूड़ सिंहासन,

चर्चा  हो  रही जन  जन में।।


भक्त विश्व के कोने कोने से,  

पहुँच रहे  हैं साकेत धाम में

राम  होंगे आरूड़ सिंहासन,

चर्चा  हो  रही  जन  जन  में।।


जन जन की  एक  ही इच्छा,

उत्सव देखूंँ साकेत  धाम  में।

राम  होंगे  आरूड़  सिंहासन,

चर्चा  हो   रही   जन  जन  में।।

कवि एवं लेखक : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।©

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