गुरुवार, 11 अगस्त 2022

आजादी का अमृत महोत्सव - देशभक्ति गीत

 - अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर, देहात।

अशर्फी लाल मिश्र







तिरंगा





हर      हाथ    तिरंगा,

हर   घर   में   तिरंगा।

भारत  की है  शान तिरंगा,

भारत की पहिचान तिरंगा।।

प्रतीक शक्ति  का आज  तिरंगा,

विकास का मानक बना  तिरंगा।

रूस - यूक्रेन   के   युद्ध   समय,

प्राणों   का  रक्षक  बना  तिरंगा।।

आजादी के  शूर शहीदों का,

सम्मान  देता  आज  तिरंगा।

चांद    होय   या   मंगलयान,

लहराये शान से आज तिरंगा।।

भुखमरी  होय  या   महामारी,

प्राणो का  रक्षक  बना तिरंगा।

अमृत   महोत्सव   भारत  में।

सम्मान का पर्याय बना तिरंगा ।।

लेखक एवं रचनाकार - अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर देहात।


 

10 टिप्‍पणियां:

  1. आदरणीय सर, आज पहली बार आपके ब्लॉग पर आना हुआ। देशभक्ति के भाव से ओत-प्रोत, उत्साहित स्वरों में लिखी हुई कविता मन को आनंदित कर रही है। जय हिंद। हार्दिक आभार व आपको सादर प्रणाम।

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  2. तिरंगे के प्रति श्रद्धा-सम्मान से परिपूर्ण बहुत सुन्दर रचना

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  3. जय हिन्द। तिरंगे के सम्मान में उम्दा रचना ।

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  4. बेहद भावपूर्ण प्रस्तुति

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