रविवार, 20 मार्च 2022

दोहे विश्व जल दिवस पर (22 मार्च)

 --अशर्फी लाल मिश्र

अशर्फी लाल मिश्र






पोखर ताल सिकुड़ रहे, गहरे  करे  न   कोय।

समर पम्प घर घर लगे ,अतिशय  दोहन होय।।1।।

मीठा जल बरसात का,ईश्वर   का    वरदान।

इसको  सदा  सँजोइये,जल है सब की जान।।2।।

-अशर्फी लाल मिश्र,अकबरपुर, कानपुर।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

नीति के दोहे मुक्तक

  रचनाकार एवं लेखक : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर अशर्फी लाल मिश्र (1943----) कुछ हों दरिद्री धन से, कुछ वाणी से जान। दोनों होंय एक साथ...