--अशर्फी लाल मिश्र
अशर्फी लाल मिश्र |
पोखर ताल सिकुड़ रहे, गहरे करे न कोय।
समर पम्प घर घर लगे ,अतिशय दोहन होय।।1।।
मीठा जल बरसात का,ईश्वर का वरदान।
इसको सदा सँजोइये,जल है सब की जान।।2।।
-अशर्फी लाल मिश्र,अकबरपुर, कानपुर।
कवि एवं लेखक : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर कानपुर। अशर्फी लाल मिश्र (1943------) इसी बीच आ गई सुशीला, देखा बच्चे थे पितु चरणों में । कर जो...
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