गुरुवार, 23 दिसंबर 2021

नीति के दोहे मुक्तक

 द्वारा:अशर्फी लाल मिश्र

अशर्फी लाल मिश्र






वाणी जिसकी मधुर नहि,आगत  आदर नाहि।

भले  हि  राजा  देश  का ,मत घर जाओ ताहि ।।


कवि: अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।

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