शुक्रवार, 24 दिसंबर 2021

नीति के दोहे मुक्तक

 द्वारा: अशर्फी लाल मिश्र

अशर्फी लाल मिश्र






स्याही विष अखबार की,शरीर घातक जान।

उस पर मत रखिये खाद्य,जो चाहो कल्यान।।


कवि: अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

विप्र सुदामा - 56

  लेखक : अशर्फी लाल मिश्र अकबरपुर, कानपुर। अशर्फी लाल मिश्र (1943-----) भामा मुख  से जब  सूना, दर्शन  करना हो वीतरागी। या तीर्थयात्रा पर हो ...