© अशर्फी लाल मिश्र , अकबरपुर ,कानपुर *
समाज में सम्मान नहीं ,
लिव इन रिलेशन का।
भविष्य गर्त में रहता ,
उत्पन्न बच्चों का।
हर क्षण लटकती है तलवार ,
लिव इन रिलेशन पर।
सामाजिक बंधन रहित ,
लिव इन रिलेशन है।
टूटते नित्य परिवार ,
मचता हा - हा कार है।
बच्चे जाते हैँ कोर्ट ,
पिता का नाम पाने को।
बस अब त्याग दो ,
लिव इन रिलेशन को।
--अशर्फी लाल मिश्र ,अकबरपुर ,कानपुर
समाज में सम्मान नहीं ,
लिव इन रिलेशन का।
भविष्य गर्त में रहता ,
उत्पन्न बच्चों का।
हर क्षण लटकती है तलवार ,
लिव इन रिलेशन पर।
सामाजिक बंधन रहित ,
लिव इन रिलेशन है।
टूटते नित्य परिवार ,
मचता हा - हा कार है।
बच्चे जाते हैँ कोर्ट ,
पिता का नाम पाने को।
बस अब त्याग दो ,
लिव इन रिलेशन को।
--अशर्फी लाल मिश्र ,अकबरपुर ,कानपुर
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