गुरुवार, 29 मई 2025

नौतपा

 लेखक : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।

अशर्फी लाल मिश्र (1943----)







जब भी आये  नौतपा, दिनकर उगले आग।

पवन ठौर किसी कोने, पंछी  भागम  भाग।।

लेखक: अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।©


नीति के दोहे मुक्तक

 लेखक : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।

अशर्फी लाल मिश्र (1943-------)

भाषण सुनो वक्ता का, दोनों    कान   लगाय।

जीवन दर्शन  जानिये, 'लाल' कहत समझाय।।1।।

साधू संत प्रवचन हो, सुनिए    चित्त   लगाय।

जीवन दर्शन जानिये, 'लाल' कहत समझाय।।2।।

लेखक: अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।©


शनिवार, 24 मई 2025

नीति के दोहे मुक्तक

 लेखक : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।

अशर्फी लाल मिश्र (1943-----)







साँच  बोले  जग शंका, झूँठहि  जग  पतियाय।

समय देख बात करिये, 'लाल' कहत समझाय।।


लेखक : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।©

विप्र सुदामा - 73

  लेखक : अशर्फी लाल मिश्र अकबरपुर, कानपुर। अशर्फी लाल मिश्र ( 1943----) अभी कान्ह चुप चाप पड़े थे, मुख से निकलहि  शब्द नहीँ। भामा के प्रश्नों...