लेखक : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।
| अशर्फी लाल मिश्र (1943----) |
जब भी आये नौतपा, दिनकर उगले आग।
पवन ठौर किसी कोने, पंछी भागम भाग।।
लेखक: अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।©
लेखक : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।
अशर्फी लाल मिश्र (1943-------)भाषण सुनो वक्ता का, दोनों कान लगाय।
जीवन दर्शन जानिये, 'लाल' कहत समझाय।।1।।
साधू संत प्रवचन हो, सुनिए चित्त लगाय।
जीवन दर्शन जानिये, 'लाल' कहत समझाय।।2।।
लेखक: अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।©
रचनाकार एवं लेखक : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर अशर्फी लाल मिश्र (1943----) कुछ हों दरिद्री धन से, कुछ वाणी से जान। दोनों होंय एक साथ...