गुरुवार, 29 मई 2025

नीति के दोहे मुक्तक

 लेखक : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।

अशर्फी लाल मिश्र (1943-------)

भाषण सुनो वक्ता का, दोनों    कान   लगाय।

जीवन दर्शन  जानिये, 'लाल' कहत समझाय।।1।।

साधू संत प्रवचन हो, सुनिए    चित्त   लगाय।

जीवन दर्शन जानिये, 'लाल' कहत समझाय।।2।।

लेखक: अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।©


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

व्यास पूर्णिमा (गुरु पूर्णिमा)

 -- लेखक एवं रचनाकार : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।© अशर्फी लाल मिश्र  पूर्णिमा तिथि थी अषाढ़ मास की, जब महर्षि व्यास ने  जन्म लिया। प...