-- लेखक एवं रचनाकार : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।
अशर्फी लाल मिश्र |
क्रोध
क्रोध बैरी आपन का, आपन ही तन खाय।
घर में सदा अशांति हो, रक्त चाप बढ़ जाय।।
लेखक एवं रचनाकार : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।
लेखक : अशर्फी लाल मिश्र अकबरपुर, कानपुर। अशर्फी लाल मिश्र ( 1943----) अभी कान्ह चुप चाप पड़े थे, मुख से निकलहि शब्द नहीँ। भामा के प्रश्नों...
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