-- अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।
अशर्फी लाल मिश्र |
दशमी का चाँद ऐसा,
मनु नवल बधू का मुखड़ा।
कुछ काल ठहरो,
मत कहो किसी से दुखड़ा।।
संयम राखो मन में,
उठ जायेगा परदा धीरे धीरे।
सम्मुख होगी शरद पूनो,
होगी चाल धीरे धीरे।।
मुस्कान होगी ऐसी।
जनु अमृत बरसे धीरे धीरे।।
-- लेखक एवं रचनाकर: अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।
बेहतरीन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंशुक्रिया आपका।
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