रविवार, 25 अक्टूबर 2020

नीति के दोहे (मुक्तक)

कवि : अशर्फी लाल मिश्र ,अकबरपुर ,कानपुर। 

अशर्फी लाल मिश्र 
अशिक्षा
अशिक्षित बालक होय यदि ,मातु पितु शत्रु समान। 
विद्वानों    मध्य  सोहै  , हंस  मध्य  बक  जान।।
चिंता 
पत्नी  से  वियोग  होय  , अपनों   से     अपमान। 
गरीबी   होय   साथ   में  , अग्नि बिनु भस्म जान।।

© Poet : Asharfi Lal Mishra, Akbarpur, Kanpur.


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