गुरुवार, 18 जून 2020

नीति के दोहे (मुक्तक)


अशर्फी लाल मिश्र

© कवि-अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर
स्वभाव
हिंसक पशु या  गंवार, बर्रय   छत्ता   होइ।
'लाल' कहें  दूरी  रखो, मत छेड़ो इन कोइ।।
संस्कृति
बदल रही है संस्कृति, बदल रहा इंसान।
बेटा बेटा  अब   नहीं, बेटी  बेटा  जान।।

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नीति के दोहे मुक्तक

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