मंगलवार, 10 दिसंबर 2019

तुम वादे पर वादा करते रहे

Asharfi Lal Mishra










तुम    वादे   पर   वादा   करते    रहे ,
हम   पलक    पाँवड़े   बिछाये    रहे।

तुम अगमनीय  पथ पर   विचरते  रहे,
हम गमनीय पथ पर दृष्टि लगाये रहे।

तुम्हारे    लिए    हम    व्याकुल    रहे,
दर्शन    को   अब   तक    लाले    रहे। 

अब  तक    नाथ    तुम   आये    नहीं,
हम   पथ   पर   दृष्टि   गड़ाये     रहे।

झूँठों   में   गिनती      होगी    तुम्हारी,
अब  'लाल' का वादा निभाने  की बारी।

© कवि : अशर्फी लाल मिश्र , अकबरपुर ,कानपुर।









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